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Rajasthan Government's, नवगठित जिलों और संभागों का पुनर्निर्धारण, कैबिनेट के महत्वपूर्ण निर्णय

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राजस्थान सरकार द्वारा नवगठित जिलों और संभागों के पुनर्निर्धारण का निर्णय 28 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस बैठक में 8 नए जिलों को यथावत रखा गया, और कुछ जिलों व संभागों को निरस्त कर दिया गया।

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पूर्ववर्ती सरकार द्वारा नवगठित जिलों एवं संभागों का पुनर्निर्धारण: नवगठित जिलों और संभागों का पुनर्निर्धारण, कैबिनेट के महत्वपूर्ण निर्णय


नवगठित जिलों और संभागों का पुनर्निर्धारण:

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों और 3 संभागों का पुनर्निर्धारण किया गया। अब प्रदेश में कुल 7 संभाग और 41 जिले होंगे।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने यह निर्णय राजनीतिक लाभ के लिए किया था, बिना प्रशासनिक जरूरतों और वित्तीय संसाधनों का ध्यान रखे। नए जिलों के लिए आवश्यक पद, कार्यालय भवन, और बजट की व्यवस्था नहीं की गई थी।
विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर 9 जिलों और 3 संभागों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया, जबकि 8 नए जिले यथावत रहेंगे।

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जिला परिषदों, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों का होगा पुनर्गठन:

राजस्थान सरकार ने पंचायतों के पुनर्गठन के लिए अहम निर्णय लिया है। सरकार ने स्पष्ट किया कि जिले का सीमांकन दोबारा नहीं किया जाएगा, लेकिन ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया जाएगा। अब 25 ग्राम पंचायतों को मिलाकर एक पंचायत समिति बनाई जाएगी, जबकि पहले एक पंचायत समिति में लगभग 40 ग्राम पंचायतें हुआ करती थीं। पंचायत का पुनर्गठन पूरा होने के बाद ही पंचायत चुनाव कराए जाएंगे।
इसके लिए कलेक्टर को 20 दिन के भीतर प्रस्ताव भेजने होंगे, और 30 दिन में कलेक्टर सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे। इसके बाद पंचायत समितियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू होगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि पंचायत चुनाव तब तक नहीं कराए जाएंगे, जब तक पंचायतों का पुनर्गठन पूरा नहीं हो जाता, और सभी चुनाव एक साथ कराए जाएंगे।

सीईटी स्कोर की वैधता 3 वर्ष तक: अन्य भर्ती सूचना

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि राजस्थान अधीनस्थ एवं लिपिक वर्गीय सेवा (समान पात्रता परीक्षा) नियम, 2022 में सीईटी स्कोर की वैधता अब 1 वर्ष के बजाय 3 वर्ष के लिए रहेगी। इसके लिए नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि सीईटी स्कोर की वैधता एक वर्ष होने के कारण हर साल होने वाली अगली सीईटी परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ती चली जा रही थी। अत्यधिक संख्या में आवेदन आने पर बोर्ड को वित्तीय भार और कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसलिए सीईटी स्कोर की वैधता अवधि 3 वर्ष करने का निर्णय लिया गया है. जिससे अभ्यर्थियों को भी बड़ी राहत मिलेगी।
श्री गोदारा ने बताया कि राजस्थान जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम, 2001 के अंतर्गत आने वाले छात्रावास अधीक्षक (पुरुष) ग्रेड-2 एवं छात्रावास अधीक्षक (महिला) ग्रेड-2 को समान पात्रता परीक्षा की अनुसूची-1 (स्नातक स्तर) में शामिल किया जा रहा है। इस संशोधन के फलस्वरूप जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के पद सीईटी में शामिल किए जा सकेंगे, जिससे परीक्षार्थियों को अधिक पदों पर चयन का अवसर प्राप्त होगा।

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पशुधन सहायक के पदनामों में परिवर्तन, तीसरी पदोन्नति का अवसर भी मिलेगा:

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने बताया कि राजस्थान पशुपालन अधीनस्थ सेवा नियम, 1977 के तकनीकी संवर्ग में पशुधन सहायक को पदोन्नति का तीसरा अवसर उपलब्ध करवाने और इस संवर्ग के पदनामों में परिवर्तन के लिए सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इस संशोधन के अनुसार तीसरी पदोन्नति का अवसर देने के लिए मुख्य पशुधन प्रसार अधिकारी का नवीन पद सृजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पशुधन सहायक का पदनाम अब पशुधन निरीक्षक, पशुचिकित्सा सहायक का पदनाम पशुधन प्रसार अधिकारी, सहायक सूचना अधिकारी का पदनाम वरिष्ठ पशुधन प्रसार अधिकारी किया जाएगा। इससे इस संवर्ग के कर्मचारियों के आत्मसम्मान एवं कार्यकुशलता में वृद्धि होगी।

चुरू के राजकीय महाविद्यालय सिद्धमुख के नाम परिवर्तन को स्वीकृति:

श्री गोदारा ने बताया कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दानदाता के सम्मान व अन्य दानदाताओं को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से चुरू के राजकीय महाविद्यालय सिद्धमुख का नामकरण 'श्रीमती शकुन्तला देवी राजकीय महाविद्यालय, सिद्धमुख करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

Rajasthan Government's, नवगठित जिलों और संभागों का पुनर्निर्धारण, कैबिनेट के महत्वपूर्ण निर्णय यहां देखें 

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